मई 2020 बेरोजगारी की दर में रिकॉर्ड वृद्धि, प्राइवेट सेक्टर में बड़ी संख्या में होगी छंटनी: CMIE रिपोर्ट

देश में तेजी से जाएंगी नौकरियां 
बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ेगा 
कई स्टार्टअप होंगे बन्द
नई दिल्ली, कोरोना संक्रमण के कारण पूरी दुनिया में लॉक डाउन चल रहा है ऐसे में ज्यादातर काम बंद हैं लगभग 2 महीने से बन्दी के बाद अब नौकरियां जाने लगी हैं. यही हाल अब अपने देश में भी दिख रहा है. कोरोना के कारण देश में लागू लॉकडाउन के कारण देश में बेरोजगारी दर लगातार बढ़ती जा रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी Center for Monitoring Indian Economy (CMIE) ने देश में बेरोजगारी पर विस्तृत सर्वे रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 3 मई 2020 को समाप्त सप्ताह तक यह देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 27.1 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है जो आने वाले भविष्य के लिये खतरे का अलार्म साबित हो सकती है. 
इससे पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा जारी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 में देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 23.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिके अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर 14.8 फीसदी बढ़ी थी मार्च महीने के मुकाबले अप्रैल में बेरोजगारी दर में और तेजी से वृद्धि हुई थी.
सीएमआईई के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर महेश व्यास के अनुसार इस अध्ययन के अनुसार जो ट्रेंड सामने आ रहे हैं उनके मद्देनजर लॉकडाउन के लंबे चलने पर बेरोजगार लोगों की संख्या और बढ़ सकती है. अभी शुरुआत में, असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों की नौकरी जा रही हैं. लेकिन धीरे-धीरे, संगठित और सुरक्षित नौकरी वालों की जॉब पर भी संकट के बादल छाने लगे हैं.
सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद कई स्टार्टअप ले-ऑफ की घोषणा कर चुके हैं और कई उद्योग संघों ने नौकरी के नुकसान की साफ चेतावनी दी है. महेश व्यास ने कहा कि नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की संख्या भी काफी बढ़ी है. 3 मई को यह बढ़कर 36.2 फीसदी हो गई जो पहले 35.4 फीसदी थी.
वैसे तो लॉक डाउन में हर तबके के लोग प्रभावित हुए हैं या हो रहे हैं. अब जब केंद्र और राज्य सरकारें इस बात को स्वीकार कर चुकी हैं कि उनकी आर्थिक हालात बिगड़ गई है और इसको सुधारने के लिए कोई रेमेडी भी उनके पास नहीं है हालात और बिड़गने वाले हैं इसमें सबसे ज्यादा इफ़ेक्ट प्राइवेट सेक्टर पर पड़ना तय है जहाँ बड़ी मात्रा में छटनी होनी तय है.
सीएमआईई की इस सर्वे रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अप्रैल के महीने में दैनिक वेतन भोगी श्रमिक और छोटे व्यवसायी सबसे ज्यादा बेरोजगार हुए हैं. सर्वे के अनुसार लगभग 12 करोड़ (122 मिलियन) से ज्यादा लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा हैं. इनमें रेहड़ी पटरी वाले, फेरीवाले, कंस्ट्रक्शन उद्योग में काम करने वाले कर्मचारी, मजदूर और कई ऐसे लोग हैं जो रिक्शा या ठेला चलाकर अपना और परिवार का गुजारा कर रहे थे.
(आशुतोष पाण्डेय)
EDITOR 
NATIONAL NEWS CAUSE

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